गर्मी में उगने वाले इस फल को फंगस कर देता है बर्बाद, किसान करें ये उपाय, गाड़ी भर-भर होगा तरबूज
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि तरबूज की फसल में सबसे ज्यादा खतरा फंगस के हमले का होता है. तरबूज में अगर फंगस लग जाए तो एकड़ ...अधिक पढ़ें
- News18 Jharkhand
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पलामू (झारखंड). गर्मी के सीजन में होने वाली तरबूज की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा होती है. गर्मी के दिनों में तरबूज की भारी डिमांड रहती है. तरबूज सेहत के लिए भी काफी लाभदायक है. लेकिन, कई बार इस फल की खेती में कीड़े लग जाते हैं और फसल बर्बाद हो जाती है. ऐसे में किसान खेती के दौरान कुछ सावधानियां जरूर बरतें. यूं तो तरबूज की खेती का सही समय फरवरी से मार्च के बीच होता है.
फसल करीब 40-60 दिनों के बीच तैयार होने लगती है. कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. दिलीप पांडे ने Local 18 को बताया कि तरबूज की खेती कोई किसान अगर करना चाहें तो सबसे पहले इसके पौधे को एक ट्रे में तैयार करें. रोग-फंगस से बचाने के लिए 10 दिन तक शिडलिंग उगाने के बाद खेत में लगाएं. खेत में ऑर्गेनिक खाद का ज्यादा प्रयोग करें, जो फसल को रोग और कीट के प्रकोप से बचाती है और फलन अच्छा होता है.
फंगस के अटैक होने पर ये उपाय
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि तरबूज की फसल में सबसे ज्यादा खतरा फंगस के हमले का होता है. तरबूज में अगर फंगस लग जाए तो एकड़ में लगी फसल एक साथ नष्ट हो सकती है. इसके लिए किसान को सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. बताया कि आमतौर पर किसान खेतों में पटवन ज्यादा कर देते हैं, जिससे फंगस का अटैक हो जाता है. इससे बचने का दो उपाय है. खेतों में पटवन करने से पहले मल्चिंग का काम करें. भूसा से पूरे खेत को मल्च कर दें. इससे फंगस के लगने का कम खतरा होता है.
फंगस दिखे तो…
दूसरा 15 दिन में खेत को घूम-घूमकर देख लें. अगर किसी पौधे में फंगस है तो उसे हटाकर दूसरे जगह जमीन में गाड़ दें. नहीं तो ये फंगस तेजी से फैलता है, जिससे पूरी फसल बर्बाद हो जाती है. वहीं, फंगस वाली जगह पर ब्लिकिंग पाउडर का छिड़काव कर दें, ताकि फंगस का हमला दूसरे पौधे पर न हो.
ऐसे बढ़ेगा फल का उत्पादन
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि पौधे को लगाने बाद जब एक मीटर का हो जाए तो इसके ऊपरी हिस्से को काट लें. इससे पौधे के अगल-बगल से नई शाखा निकलेगी. फलन अच्छा होगा. साथ ही खेत में 15 दिन के अंतराल पर साफ पाउडर छिड़काव करें. दो ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने से कीट के प्रकोप से बचाया जा सकता है. इसके साथ किसान नीम के तेल को 5 एमएल प्रति लीटर मिलाकर छिड़काव करें. इससे फसल में रोग और कीट के प्रकोप से बचा जा सकता है.
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