बिहार: इस जिले में 10 की दस्तक, उंगली पर वोटिंग के निशान जांचेगी टीम, जिला प्रशासन का बड़ा प्लान
30 प्रतिशत लोग नहीं डालते वोट तो क्या इससे वास्तविक लोकतंत्र की स्थापना हो पाएगी? ये सवाल अब प्रशासन के साथ ही आम बुद्ध ...अधिक पढ़ें
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सुपौल. एक सर्वे से नया खुलासा हुआ है कि करीब 89 प्रतिशत लोग मौजूद रहते हैं पर वोटिंग का आंकड़ा महज 60 से 62 प्रतिशत ही रहता है. आखिर 27 से 30 प्रतिशत लोग वोट क्यों नहीं डालते? इसी बात की चिंता से सुपौल जिला प्रशासन नई कार्ययोजना पर काम कर रहा है जिससे लगता है कि इस बार मतदान का प्रतिशत चौंकाने वाला होगा. दरअसल, मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर सुपौल के डीएम कौशल कुमार ने डोर तो डोर वोटर लिस्ट से सर्वे कराया. इसमें जिले के 10 विभागों के लोगों को लगाया गया. जीविका, आईसीडीएस, स्वास्थ्य व शिक्षा विभाग के लोगों ने सर्वे में जो रिपोर्ट दी उसने सबको चौंका दिया.
दरअसल, सर्वे में सामने आया कि मतदान प्रतिशत घटने को लेकर ये बात गलत है कि बड़ी संख्या में लोग बाहर रहते हैं, जबकि 89 प्रतिशत लोग अपने घरों में हैं, लेकिन वोटिंग महज 60 से 62 प्रतिशत ही होती है. अब बड़ा सवाल है कि ये बाकी के 27 से 30 प्रतिशत लोग वोट के अधिकार का इस्तेमाल क्यों नहीं करते?
30 प्रतिशत को बूथ पर लाने की तैयारी
जिले के 10 विभागों के कर्मी बैनर, पम्पलेट से लेकर वोटर लिस्ट के प्रत्येक पेज पर काम करते हुए हर घर पर अपनी दस्तक दे रहे हैं. फरवरी से ही 10 विभागों के कर्मी अलग-अलग सभी घरों पर अपनी दस्तक दे रहे हैं, ताकि लोगों को वोटिंग के दिन बूथों पर लाया जा सके. इससे लगता है कि इस बार वोटिंग का प्रतिशत बढ़ना लगभग तय है.
लोकसभा चुनाव में मतददान प्रतिशत बढ़ाने के लिए सुपौल डीएम कौशल कुमार की अनूठी पहल.
10 का दस्तक और बच्चों की अपील
10 विभागों के कर्मी बारी-बारी से हर घर में जाकर उन्हें तो जागरूक कर ही रहे हैं इसके साथ ही जिला प्रशासन अलग से भी पहल कर रहा है. प्रशासन के लोग गर्मी छुट्टी से पहले ही स्कूली बच्चों को भी वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने को लेकर अपने माता पिता से वोट देने को कहने का पाठ पढ़ा चुके हैं. इसके लिए स्कूल के सभी बच्चों के बीच मैथिली में लिखा अपील वाला पम्पलेट बांट दिया गया है, ताकि बच्चे अपने घर जाकर माता पिता से वोट गिराने को लेकर कहें.
मतदान के दिन की है बड़ी तैयारी
इसके साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए एक चेन बनाया गया है ताकि अलग-अलग समय मे कर्मी लोगों के घरों पर पहुंचें. इन कर्मियों को डीएम कौशल कुमार के आदेश पर एक पास भी जारी किया जा रहा है ताकि वोटिंग के दिन ये कर्मी अपने सर्वे के आधार पर एक एक घर जाकर, लोगों की उंगली देखेगी कि उन्होंने वोट गिराया है या नहीं. फिर उन्हें बूथ पर जाकर वोट देने कहेगी.
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